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श्री सूक्त पाठ :-

ओम हिरण्यवर्णां हरिणीं, सुवर्ण-रजत-स्त्रजाम्, चन्द्रां हिरण्यमयीं लक्ष्मीं, जातवेदो म आवह।। तां म आवह जात वेदो, लक्ष्मीमनप-गामिनीम्, यस्यां हिरण्यं विन्देयं, गामश्वं […]

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शिवाष्ट्कम् : जय शिवशंकर

जय शिवशंकर, जय गंगाधर, करुणाकर करतार हरे,जय कैलाशी, जय अविनाशी, सुखराशी सुख-सार हरे,जय शशि-शेखर, जय डमरू-धर, जय जय प्रेमागार हरे,जय

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॥ श्रीरुद्राष्टकम् ॥

नमामीशमीशान निर्वाणरूपं विभुं व्यापकं ब्रह्मवेदस्वरूपम् ।निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं चिदाकाशमाकाशवासं भजेऽहम् ॥ १॥ हे मोक्षरूप, विभु, व्यापक, ब्रह्म, वेदस्वरूप, ईशानदिशा

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।। श्रीरुद्राष्टकम् ।। श्री गोस्वामितुलसीदासस्य ।।

नमामीशमीशान निर्वाणरूपंविभुं व्यापकं ब्रह्म वेदस्वरूपं।निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहंचिदाकाशमाकाशवासं भजेऽहं।।1।। हे ईशान! मैं मुक्तिस्वरूप, समर्थ, सर्वव्यापक, ब्रह्म, वेदस्वरूप, निज स्वरूप में

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शिव स्वर्णमाला स्तुति – Shiva Suvarnamala Stuti

अथ कथमपि मद्रसनां त्वद्गुणलेशैर्विशोधयामि विभो।सांब सदाशिव शंभो शङ्कर शरणं मे तव चरणयुगम ॥१॥ आखण्डलमदखण्डनपण्डित तण्डुप्रिय चण्डीश विभो।सांब सदाशिव शंभो शङ्कर

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श्री शङ्कराचार्य कृतं – शिव स्वर्णमाला स्तुति (Shiv Swarnamala Stuti)

साम्ब सदाशिव शम्भो शङ्कर शरणं मे तव चरणयुगम्॥ईशगिरीश नरेश परेश महेश बिलेशय भूषण भो।साम्ब सदाशिव शम्भो शङ्कर शरणं मे तव

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पंचाक्षर स्तोत्र

नागेंद्रहाराय त्रिलोचनाय भस्मांग रागाय महेश्वराय।नित्याय शुद्धाय दिगंबराय तस्मे न काराय नम: शिवाय:।।मंदाकिनी सलिल चंदन चर्चिताय नंदीश्वर प्रमथनाथ महेश्वराय।मंदारपुष्प बहुपुष्प सुपूजिताय

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शिव पंचाक्षर स्तोत्र लिरिक्स और अर्थसंस्कृत

नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनायभस्माङ्गरागाय महेश्वराय ।नित्याय शुद्धाय दिगम्बरायतस्मै नकाराय नमः शिवाय मन्दाकिनीसलिलचन्दनचर्चितायनन्दीश्वरप्रमथनाथमहेश्वराय ।मन्दारपुष्पबहुपुष्पसुपूजितायतस्मै मकाराय नमः शिवायशिवाय गौरीवदनाब्जबृंदासूर्याय दक्षाध्वरनाशकाय ।श्रीनीलकण्ठाय वृषध्वजायतस्मै शिकाराय नमः

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श्री पार्वती चालीसा

।।दोहा।। जय गिरि तनये दक्षजे शंभु प्रिये गुणखानि । गणपति जननी पार्वती अम्बे ! शक्ति ! भवानि ।। ।।चौपाई।। ब्रह्मा

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अथ त्रिगुण आरती शिवजी की

जय शिव ओंकारा हर जय शिव ओंकाराब्रह्मा विष्णु सदाशिव अर्धांगी धारा ॥ टेक॥ एकानन चतुरानन पंचानन राजेहंसानन गरुडासन वृषवाहन साजे

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श्री शिवमहिम्न स्तोत्रम्

शिवमहिम्न स्तोत्रम्शिवभक्त श्री गंधर्वराज पुष्पदंत द्वारा रचित शिवमहिम्न स्तोत्र या फिर श्री शिवमहिम्नस्तोत्रम् का अभिप्राय शिव की महिमा से है।

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