Sunderkand Path: सुंदरकांड का पाठ करने से पहले जान लीजिए इससे जुड़े नियम, तभी मिलेगा शुभ फल

Sunderkand Path Ke Niyam: बचपन में सूर्य को फल समझकर खा जाने वाले महाबली हनुमान की पूजा आराधना के लिए मंगलवार का दिन उत्तम माना जाता है। मान्यता है कि मंगलवार के दिन विधि विधान से बजरंगबली की पूजा अर्चना करने से सभी विघ्न बाधाओं का अंत होता है। साथ ही मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। कहा जाता है कि हनुमानजी के पथ पर चलने वालों को कोई भी संकट नहीं मिलता है। प्रभु श्री राम के परम भक्त भगवान हनुमान को अमरता का वरदान प्राप्त है। कहा जाता है कि हनुमान जी ऐसे देवता है जो हमारे बीच धरती पर मौजूद हैं। आठों सिद्धियों और नौ निधियों के दाता की कृपा पाने के लिए सुंदरकांड का पाठ करने की परंपरा है। इससे महाबली हनुमान जल्द प्रसन्न होते हैं। ऐसे में चलिए हैं सुंदरकांड का पाठ एक दिन में कितनी बार करना चाहिए और इसके महत्व के बारे में…

इस दिन करें सुंदरकांड का पाठ
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सुंदरकांड का पाठ मंगलवार व शनिवार को करना शुभ माना जाता है। इसके अलावा आप रोजाना भी इसका पाठ कर सकते हैं।

यदि आप सुंदरकांड का पाठ कर रहे हैं, तो इसके लिए तड़के 4:00 से 6:00 बजे यानी ब्रह्म मुहूर्त में पाठ करना अत्यधिक फलदायी माना जाता है। वहीं यदि आप सुंदरकांड का पाठ समूह में करवाते हैं, तो कभी भी इसका पाठ करवा सकते हैं।

सुंदरकांड का पाठ करने का नियम
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सुंदरकांड का पाठ आप 11, 21, 31, 41 दिन तक कर सकते हैं। सुंदरकांड का पाठ करने के लिए सबसे पहले हनुमान जी की प्रतिमा स्थापित करें। ध्यान रहे कि हनुमान जी की प्रतिमा ऐसी होनी चाहिए, जिसमें प्रभु श्री राम, माता सीता व लक्ष्मण की तस्वीर हो।

प्रतिमा स्थापित करने के बाद शुद्ध देसी घी का दीपक जलाएं। बजरंगबली हनुमान के चरणों में 7 पीपल के पत्ते अर्पित करें। साथ ही लड्डू का भोग लगाएं। इसके बाद सुंदरकांड का पाठ शुरू करें।

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