देवी! सुरेश्वरी भगवती गंगे :- Bhakti Song Mode

देवी! सुरेश्वरी भगवती गंगे

देवि! सुरेश्वरि! भगवति! गंगे! (x2 Times)
त्रिभुवनतारिणि तरलतरंगे। (x2 Times)
शंकरमौलिविहारिणि विमले
मम मतिरास्तां तव पदकमले ॥

देवि! सुरेश्वरि! भगवति! गंगे! (x2 Times)

हरिपदपाद्यतरंगिणी गंगे
हिमविधुमुक्ताधवलतरंगे। ( all x2 Times)
दूरीकुरुमम दुष्कृतिभारं
कुरु कृपया भवसागरपारम् ॥

देवि! सुरेश्वरि! भगवति! गंगे! (x2 Times)

पतितोद्धारिणि जाह्नवि गंगे
खंडित गिरिवरमंडित भंगे। (all x2 Times)
भीष्मजननि हे मुनिवरकन्ये !
पतितनिवारिणि त्रिभुवन धन्ये ॥

देवि! सुरेश्वरि! भगवति! गंगे! (x2 Times)

रोंगं शोकं तापं पापं हर मे
भगवति कुमतिकलापम्। (all x2 Times)
त्रिभुवनसारे वसुधाहारे
त्वमसि गतिर्मम खलु संसारे ॥

देवि! सुरेश्वरि! भगवति! गंगे! (x2 Times)
त्रिभुवनतारिणि तरलतरंगे। (x2 Times)
शंकरमौलिविहारिणि विमले
मम मतिरास्तां तव पदकमले ॥

देवि! सुरेश्वरि! भगवति! गंगे! (x3 Times)

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